Top Guidelines Of sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
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भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।